प्रभु भजन ही सब कृपाओं को दिलाने वाला :अर्द्धमौनी
निस्वार्थ प्रभु भजन ही सब कामनाओं को सिद्ध करने बाला
By विवेक कुमार शर्मा
Date 9.05.2023
मुरादाबाद: कांठ रोड, हरथला में आयोजित भजनोत्सव में कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि कामना के विषय को बदलकर उसे शुद्ध कर लोगे तो फिर वह स्वतः ही प्रेम के रूप में परिणत हो जायगी। अपनी इन्द्रियों की तृप्ति के लिये होने वाली इच्छा का नाम ‘काम’ है और भगवत्प्रीत्यर्थ होने वाली इच्छा का नाम ‘प्रेम’ है। कामना का विषय इन्द्रिय-सुख न हो, भगवत्प्रीति हो। ऐसा होते ही कामना प्रेम के 1रूपमें परिणत होकर विशुद्ध हो जायगी।
जैसे काष्ठ में अग्नि और दूध-दही में घृत सब जगह परिपूर्ण है, कहीं कम-ज्यादा नहीं है, वैसे ही परमात्म-तत्त्व सर्वत्र परिपूर्ण है। ऐसे भगवान् को उनका कोई भक्त चाहता है, उनका चिन्तन-भजन करता है, तो भगवान् वहाँ प्रकट हो जाते हैं। ‘हरि ब्यापक सर्बत्र समाना। प्रेम तें प्रगट होहिं मैं जाना॥ भगवान् को कोई माने तो भी वे वैसे ही हैं और कोई न माने तो भी वैसे ही है। भगवान् के होने के लिए किसी की अपेक्षा नहीं है, वे तो स्वत: स्वाभाविक ही हैं। ऐसे भगवान् को अपना मान लेनेसे यह जीवात्मा कृतकृत्य, प्राप्त-प्राप्तव्य हो जाता है।
जल से इन्द्रियों की शुद्धि होती है। मन सत्य से शुद्ध होता है। विद्या और तपस्या से आत्मा शुद्ध होती है। जबकि ज्ञान से बुद्धि की शुद्धि होती है।सुखी-दुःखी होने वाला भोगी और सम रहने वाला योगी है।
कार्यक्रम में सरोज जटराना, मनोज चौधरी, समता चौधरी, अंकित चौधरी, रचना चौधरी, सुशील विश्नोई, पूजा विश्नोई, आर्यन चौधरी, जानवी चौधरी, सुधा शर्मा, अनिता विश्नोई, रेखा विश्नोई, विलोज देवी, प्रमिला विश्नोई, सन्तु लता,देवी, सन्ता, रमा गोयल, सरोज विश्नोई रहे।