निर्धन ब्राह्मण परिवार जिंदा जलकर मरता रहा,योगी सरकार सोती रही
सरकारी अधिकारियों ने जिंदा जलाकर मां बेटी को मार डाला
रिपोर्ट विवेक कुमार शर्मा
14.02.2023
कानपुर देहात : घटना उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के मंडोली गांव की है। जहां उत्तर प्रदेश के सरकार के सरकारी अधिकारियों ने एक निर्धन ब्राह्मण के घर पर पहले तो बुलडोजर चलाया और फिर घर से बेघर होने के बाद गांव के बाहर थोड़ी सी जगह में छप्पर डालकर रह रहे निर्धन ब्राह्मण परिवार के छप्पर वाले घर में आग लगा दी जिससे ब्राह्मण केके दीक्षित की बेटी और पत्नी जिंदा जलकर मौके पर ही मर गई। योगी सरकार व अधिकारियो के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी जैसे ही घटना की जानकारी आसपास के क्षेत्र में फैली लोगों में पनपे आक्रोश के कारण योगी सरकार हरकत में आई और तुरंत क्षेत्रीय क्षेत्रीय विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री प्रतिभा शुक्ला तुरंत मौके पर पहुंची व परिजनों के द्वारा बताए जाने पर घटना के लिए जिम्मेदार तहसीलदार,लेखपाल व अन्य कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया और अन्य अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कर जांच शुरू करने का फैसला किया। लेकिन जिंदा जलाकर मां बेटी की मौत से गुस्साए परिजनों ने दोनों मृतकों का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने पीड़ित के के दीक्षित के बेटे शिवम दिक्षित से फोन पर बात कर आरोपित पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद परिजनों ने दोनों मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद यूपी की सियासत में मानो भूचाल सा आ गया समाजवादी पार्टी कांग्रेस व बहुजन समाज पार्टी जैसे अन्य विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगाते हुए योगी सरकार की बुलडोजर वाली को नीति का ही प्रकोप बताया और योगी को निर्धन ब्राह्मण परिवार से मिलकर माफी मांगने की मांग की इस दौरान सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मौके की नजाकत समझते हुए सपा के कुछ नेताओं को घटनास्थल पर भेजने के लिए एक डेलिगेशन बनाकर घटना स्थल के लिए रवाना कर दिया लेकिन यूपी पुलिस ने सपा सहित अन्य विपक्षी दल के नेताओं को घटनास्थल पर नहीं जाने दिया जिसे विपक्षी दल के नेताओं ने इसे भाजपा सरकार की तानाशाही और लोकतंत्र की हत्या बताया। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व पीड़ित के के दीक्षित के घर पर स्थानीय लेखपाल और तहसीलदार की मिलीभगत से बुलडोजर चला दिया गया था। जिसके बाद के के दीक्षित अपनी पत्नी व बच्चो और सामान सहित डीएम के आवास पर पहुंच गया था। लेकिन डीएम ने पीड़ित परिवार को वहां से भगा दिया और उल्टा पीड़ित के के दीक्षित पर गैंगस्टर तथा कई अन्य धाराओं में केस दर्ज करवा कर उसके मकान में आग लगा दी जिससे उसकी पत्नी व लड़की की मौत हो गई। इतने गंभीर मामले पर केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। क्योंकि लोगों की रक्षा करने के लिए रखे जाने वाले सरकारी लोग ही लोगों के भक्षक बन जाए तो एक बहुत बड़ा सवाल उठता है। सवाल तो यह भी उठता है कि क्या योगी सरकार को केवल ब्यूरोक्रेट्स ही चला रहे हैं अगर यह सही है तो योगी सरकार को इससे सावधान होने की जरूरत है क्योंकि यही सब मायावती की सरकार के बारे में कहा जाता था तो आज मायावती की पार्टी का हाल सबके सामने है। योगी सरकार को चाहिए कि पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दे और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दें। ताकि निकट भविष्य में कोई भी सरकारी आदमी अपने पद व ओहदे और अपनी ताकत का गलत दुरुपयोग ना कर सके।