पीएम मोदी ने जयंत का दिल जीता, क्या पश्चिमी यूपी में खिलेगा कमल
प्रधानमंत्री मोदी ने उनको भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा करके सम्पूर्ण किसान जगत के सम्मान में वृद्धि की है
By विवेक कुमार शर्मा/शशांक शर्मा
Date 19.02.2024
लखनऊ/ मुरादाबाद: चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा के रूप में एक ऐसे महान पुरुष थे, जिनको किसानों के हित में श्रेष्ठ कार्य करने के कारण न केवल किसान समुदाय वरन् समस्त देशवासी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सदृश, हृदय से सम्मान करते हैं। वे जीवन पर्यन्त एक ईमानदार, निष्ठावान, राष्ट्रप्रेमी व किसानों के हितैषी नेता रहे हैं। उन्होंने किसानों के हितार्थ अपने प्राण न्यौछावर किए।। निःसन्देह यह सम्मान चौधरी चरण सिंह जी को अब से काफी समय पूर्व ही प्राप्त हो जाना चाहिए था।
किसानों के आदर्श चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न सम्मान की घोषणा के पश्चात जिस प्रकार जाट समुदाय के मध्य हर्षोउल्लास का वातावरण व्याप्त हुआ है, वह वास्तव में उनके प्रति जनता के प्रेम व सम्मान का द्योतक है। सम्भवतया चौधरी जी, जाट समुदाय के प्रथम व्यक्ति है जिनको यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त होगा, इसलिए भी जाट समुदाय अत्यधिक उल्लासित है।
फोटो जयंत चौधरी का फोटो प्रोफाइल
मोदी ने, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को चिर्प्रतिक्षित भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा करके वर्ष 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव में हिन्दुस्तान के सम्पूर्ण जाट समुदाय के द्वारा भाजपा को वोट देने हेतु विवश कर दिया है। चौधरी जयंत सिंह जो पूर्व में कभी अकेले चुनाव लड़ते थे, उनको बागपत की भी सीट प्राप्त नहीं होती थी, परन्तु अब जाट समुदाय उत्तर प्रदेश की कम से कम 10-12 सीटों पर भाजपा को अवश्य समर्थन देगा, इसके प्रत्युत्तर में भाजपा के द्वारा केवल 1 या 2 सीट ही जयंत को देनी होगी। जयंत चौधरी अपने दम पर एक सीट भी नहीं जीत सकते थे, परन्तु अब नरेन्द्र मोदी जी, उनकी पत्नी या किसी रिश्तेदार को किसी सीट पर अवश्य ही विजयश्री दिला देंगे। मोदी जी की शरण में जाने पर सम्भव है कि चौधरी जयंत को वर्ष 2024 के पश्चात राज्य मंत्रीपद प्राप्त हो जाए और साथ ही रालोद का कोई विधायक भी राज्यमंत्री बन जाए। ऐसा होने पर उत्तर प्रदेश में समय-समय पर होने वाले किसान आन्दोलन पर अंकुश लग जाएगा, क्योंकि जब चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय राजनीति के केन्द्र में थे, उस समय यदि किसी किसान को डांट दिया करते थे, तो उग्र से उग्र किसान भी, उनके सम्मान में नतमस्तक होकर घर चला जाता था। छोटे चौधरी अर्थात् जयंत अपने दादा वाला सम्मान बरकरार रख पायेगे अथवा नहीं, ये तो समय ही बताएगा, परन्तु इतना अवश्य कहा जा सकता है कि मोदी जी के संरक्षण में, जयंत अपना निजी राजनीतिक जीवन जो अभी तक अधंकारमय था, उसको उज्ज्वल करने में सफल होंगे। जयंत ने अवसर का लाभ उठाकर अपने दादा को भी सम्मान प्राप्त करा लिया तथा अपना राजनीतिक सफर भी सुरक्षित कर लिया, इसके लिए उनको मोदी जी का कृतज्ञ होने की आवश्यकता है। जाट समुदाय, जयंत के इस कदम से कितना लाभान्वित होता है, यह जयंत के राजनेतिक कौशल पर निर्भर करेगा।
साक्षात्कार : योगश मोहन (वरिष्ठ पत्रकार और IIMT यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति है )