श्रीराम कथा कलियुग की संजीवनी बूटी के समान है-अर्द्धमौनी
आचार्य धीर शांत दास अर्धमोनी के द्वारा की जा रही राम कथा
By विवेक कुमार शर्मा
Date 26.08.2023
मुरादाबाद : श्रीशनिदेव मन्दिर, रामगंगा विहार के निकट आयोजित नव दिवसीय श्रीराम कथा के पंचम दिवस कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि भगवान श्री राम कथा कलियुग में संजीवनी बूटी का काम करती है। परिवारों को जोड़ने वाली एवं संस्कारों से सुसज्जित कथा के योग से समस्त कार्य सिद्ध हो जाते हैं। महापुरुषों की वाणी में भगवत्प्राप्ति को सुगम कहा गया है। हमने भगवत्प्राप्ति को कठिन मान लिया अन्यथा जो तत्त्व सर्वत्र विद्यमान और परिपूर्ण है तो किसी ओर की आवश्यकता नहीं। स्वरूपतः परमात्मा का अंश होने से सभी स्वाभाविक ही निर्दोष हैं, इस निर्दोषता की हमें रक्षा करनी है। हम दोषों को सत्ता देकर दूसरों को और स्वयं को दोषी मान लेते हैं। ऐसे ऊपरी दोषों को महत्व नहीं देकर दृढ़ता से भगवद्भाव रखना ही निर्दोषता की रक्षा करना है।
अच्छे लोग वही बात बोलते है जो उनके मन में होती है। अच्छे लोग जो बोलते है वही करते है। ऐसे पुरुषो के मन, वचन व कर्म में समानता होती है।
मन बुद्धि भगवान में कब लगते हैं जब साधक एकमात्र भगवत्प्राप्ति को ही अपना उद्देश्य बना लेता है और स्वयं भगवान का ही हो जाता है जो कि वास्तवमें है तब उसके मन-बुद्धि भी अपने-आप भगवान में लग जाते हैं।
जहाँ प्रेम होता है, वहाँ स्वाभाविक ही मनुष्य का मन लगता है और जिसे मनुष्य सिद्धान्तसे श्रेष्ठ समझता है, उसमें स्वाभाविक ही उसकी बुद्धि लगती है। भक्त के लिये भगवान से बढ़कर कोई प्रिय और श्रेष्ठ होता ही नहीं। भक्त तो मन-बुद्धि पर अपना अधिकार ही नहीं मानता। वह तो इनको सर्वथा भगवानका ही मानता है। अत: उसके मन बुद्धि स्वाभाविक ही भगवानमें लगे रहते हैं। सृष्टि का एक नियम हैं कि हम वही बांटेगें जो हमारे पास बेहिसाब होगा, फिर वह चाहे धन हो, अन्न हो, सम्मान हो, अपमान हो, नफरत हो या प्यार।
कथा में रिंकी अग्रवाल, विनीत अग्रवाल, नीतू गोयल, मोहित गोयल, पवन अग्रवाल, मन्जू अग्रवाल, वैभव अग्रवाल, शिवानी अग्रवाल, काव्या, प्रस्तुति बंसल, पुलकित बंसल, आशीष अग्रवाल, अतुल अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, शैली चौहान, वाणी टण्डन, अन्जू सिक्का, मानस गोयल, सुनील अग्रवाल, मिथलेश देवी, ओमप्रकाश शर्मा आदि उपस्थित रहे।