उत्तरप्रदेशधार्मिकमुरादाबाद
Trending

वट सावित्री व्रत 19 मई 2023 को,ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या पूजन मुहूर्त आरम्भ प्रातः 5:21 से रात्रि 9:22 तक

वट सावित्री व्रत संतान और पति को दीर्घायु, यशस्वी, बलशाली एवं भक्ति प्रदाता है

The Moradabad Mirror

By विवेक कुमार शर्मा
Date 18.05.2023

मुरादाबाद: हरे कृष्ण धाम, नवीन नगर में वटसावित्री व्रत की महिमा, विधि-विधान एवं कथा का महात्म्य आचार्य धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि पवित्र वट वृक्ष के मूल में श्रीब्रह्मा, मध्य में श्रीविष्णु एवं अग्रशिरा में महादेव शिव विराजमान रहते हैं। वटवृक्ष की जड़ में जल अर्पण कर एक सौ आठ बार सूत या अलावा लपेटा जाता है। सास को सौभाग्यपिटारी, वस्त्र आभूषण, फल, मिष्ठान एवं दक्षिणा अर्पित की जाती है। नीला एवं सफेद वस्त्र का त्याग कर, उजले रंगों के वस्त्रों को धारण करना। वट सावित्री व्रत संतान और पति को दीर्घायु, यशस्वी, बलशाली एवं भक्ति प्रदाता है।
भगवान आदि कृष्ण ने बालरुप में मार्कण्डेय ऋषि को प्रलयकाल में दर्शन दिए थे। भगवान श्री राम ने सीताजी एवं लक्ष्मण जी के साथ वनवास काल में पंचवटी के वट वृक्ष के नीचे ही वास किया था।
संतान और पति को दीर्घायु, यशस्वी, बलशाली एवं भक्तिरत बनाने वाले विलक्षण व्रत की महिमा है कि मद्रदेश के राजा अश्वपति की पुत्री सावित्री का विवाह राजा धुमत्सेन के सुपुत्र सत्यवान के साथ हुआ। नारद जी द्वारा सत्यवान को अल्पायु बताने पर सब उदास हो गये। सावित्री0 से कहा कि तुम कोई ओर वर ढूंढ लो किन्तु सावित्री ने वट सावित्री व्रत का अनुष्ठान कर यमराज से सत्यवान के प्राणों की रक्षा कर, दीर्घायु, यशस्वी, बलशाली एवं भगवत कृपा प्राप्त की। अपने दृष्टिहीन सास ससुर को नेत्रवान, धन धान्य से परिपूर्ण कर, सौ पुत्रों की मां बनने का सौभाग्य प्राप्त किया।
दीर्घ काल से ही सतसनातन धर्म में यह मान्यता है कि जो महिलाएं इस पवित्र वट सावित्री व्रत का अनुपालन करेंगी तो सम्पूर्ण मनोरथ पूर्ण हो जायेंगे।
कार्यक्रम में सोमनाथ पोपली, सुभाष भाटिया, पं० राजकिशोर शास्त्री, ज्ञान चंद शर्मा, सुमित अग्रवाल, विशाल अग्रवाल, श्याम श्रीवास्तव, विजय बजाज, बांके बिहारी परिवार आदि ने सहयोग दिया।


The Moradabad Mirror

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button