विनय लोहिया ने दिया गौ विज्ञान अनुसंधान प्रशिक्षण केंद्र के लिए इक्कीस लाख का सहयोग
लोहिया परिवार द्वारा इस उत्तम कार्य के लिये केन्द्र के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने उनको धन्यवाद प्रेषित किया।

By विवेक कुमार शर्मा
Date 02.10.2023
मुरादाबाद: महानगर के प्रसिद्ध निर्यातक डिजाइनको एक्सपोर्ट ग्रुप के निदेशक विनय कुमार लोहिया ने डॉ जयपाल सिंह व्यस्त एवं सतीश अरोरा को इक्कीस लाख रूपये का चैक दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान व प्रशिक्षण केंद्र के लिए निर्माण में सहयोग हेतु प्रदान किया।
विदित है कि मुरादाबाद का लोहिया परिवार समाज सेवा के कार्य में सदैव अग्रणी रहने वाला है, लोहिया परिवार ने स्वयं से मंगूपुरा में एक बालिका विद्यालय का निर्माण करवाया है। मयूर विहार दिल्ली में एक मंदिर का निर्माण कराया है। गौ माता के भक्त लोहिया परिवार अनेकों गौशालाओं से भी जुड़ा है। विनय लोहिया ने इस अवसर पर यह कहा कि आप बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं आगे भी हम इसमें सहयोग करते रहेंगे।
ज्ञाताव्य हो कि मथुरा जिले के परखम में बन रहे उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े और विशाल नवनिर्माणाधीन दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान व प्रशिक्षण केंद्र के लिए निर्माण में सहयोग के लिए अनेक समाजसेवियों ने आगे बढ़कर सहयोग किया है।
दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान व प्रशिक्षण केंद्र मानव समाज के लिए गाय की उपयोगिता और गंभीर बीमारियों से मानव जीवन रक्षा कैसे हो सकती है इस हेतु ग्राम परखम जिला मथुरा में “गऊ ग्राम” की स्थापना की जा रही है। इसमें गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थान, आयुर्वेदिक पशु चिकित्सा संस्थान, व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान, प्राकृतिक कृषि महाविद्यालय, डेयरी प्रशिक्षण केंद्र, गौ अभ्यारण्य, रोजगार प्रशिक्षण केंद्र, कैरियर परामर्श केंद्र आदि अनेक संस्थान स्थापित किये जा रहे हैं।
यह एक अनूठा ऐसा केंद्र होगा जहां गौ वंश नस्ल सुधार, पंचगव्य की गुणवत्ता सुधार पर विश्व स्तरीय शोध कार्य किए जाएंगे। पंचगव्य के द्वारा मनुष्यों की चिकित्सा, कैंसर जैसे असाध्य रोगों का इलाज वैज्ञानिक पद्धति से किया जाएगा। गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र गौ से संबंधित विभिन्न विषयों पर शोध कार्य करेगा तथा गव्य उद्यमिता विकसित करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
यह विश्व पटल पर गौ से मनुष्यों के संवर्धन का उच्चतम मानक स्थापित करेगा। इस उत्तम कार्य के लिए समाज का हर वर्ग सहयोग कर रहा है। लेकिन यह बहुत बड़ा प्रकल्प स्थापित होगा इसके लिए अधिक संसाधनों की आवश्यकता है जो व्यक्ति अथवा संस्थाएं इसके लिए सहयोग कर सकती है उनको इस कार्य के लिए आगे आने की आवश्यकता है।