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आचार्य प्रमोद कृष्णम का कांग्रेस के साथ 39 साल पुराना रिश्ता खत्म,भाजपा के साथ कर सकते हैं नई पारी की शुरुआत

जब से कल्कि धाम मंदिर के शिलान्यास का न्योता प्रधानमंत्री को देने गए तभी से उनकी भाजपा के करीबी होने के कयास लगने लगे थे

The Moradabad Mirror

By विवेक कुमार शर्मा

Date 11.02.24

 

मुरादाबाद/संभल:  वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण का ठुकराने के बाद से ही  कांग्रेस नेताओं पर जमकर कटाक्ष कर रहे थे। जिसके बाद कांग्रेस से उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। गौरतलब है कि कभी प्रियंका गांधी वाड्रा के राजनीतिक सलाहकार रहे हैं और  कभी आचार्य को गांधी परिवार के भी बहुत करीबी माना जाता था।

कभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रियंका गांधी के करीबियों में शामिल आचार्य प्रमोद कृष्णम का कांग्रेस से साथ छूट गया। कई महीने से कांग्रेस छोड़ने की अटकलों पर भी शनिवार को विराम लग गया है। उनकी अब भाजपा के साथ राजनीतिक पारी की नई शुरूआत हो सकती हैं।

 

फोटो पीएम मोदी को कल्कि मन्दिर शिलान्यास का निमंत्रण पत्र देते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम
इसको ही कांग्रेस कमेटी ने अनुशासनहीनता माना है। अब शिलान्यास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शामिल होना और भाजपा के तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात कर शिलान्यास का न्यौता देना भी कांग्रेस से दूरी बनाने का संकेत आचार्य प्रमोद कृष्णम दे चुके थे।

हालांकि अभी तक भाजपा में जाने की बात पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने स्पष्ट नहीं किया है लेकिन अब उम्मीद है कि वह खुलकर सामने आ सकते हैं। बताते चलें कि छात्र जीवन से ही कांग्रेस का दामन आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पकड़ लिया था। 1993 में संभल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भी किया था लेकिन किसी कारण नामांकन वापस लेना पड़ा था।

आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के नेताओं पर लगातार निशाना साध रहे थे। वह उनके बयानों से खफा थे और इसलिए ही उन्होंने कांग्रेस के कई नेताओं को हिंदू विरोधी भी बताया था। अयोध्या में श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण पत्र ठुकराने वाले नेताओं पर भी भड़के थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होने के बाद भी अपनी ही पार्टी का खुलकर विरोध शुरू किया तो कयास लगाए जाने लगे थे कि अब वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम और कांग्रेस का 39 साल पुराना साथ छूट गया है। प्रमोद कृष्णम की प्रियंका गांधी के करीबियों में गिनती होती थी। प्रमोद कृष्णम 1993 में कांग्रेस से संभल विधानसभा के लिए दावेदार थे। आचार्य प्रमोद कृष्णम वर्ष 2014 में संभल लोकसभा और वर्ष 2019 में लखनऊ से लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे।

जिला अध्यक्ष  संभल विजय शर्मा ने बताया की आचार्य प्रमोद कृष्णम के निष्कासन का पत्र मिला है। पार्टी की ओर से  अनुशासनहीनता के कारण कार्रवाई की गई है इससे ज्यादा उन्हें कुछ जानकारी नहीं है।

यूथ कांग्रेस में भी जिम्मेदारी निभाई थी। वर्ष 2014 में संभल लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था। वर्ष 2019 में लखनऊ से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। प्रियंका गांधी के करीबियों में शामिल होने की चर्चा रहती थी। पिछले कुछ समय से कांग्रेस की नीतियों का काफी विरोध कर रहे थे।

कांग्रेस के जो नेता कल्कि महोत्सव में आते रहे, उन्हें भी न्योता देने की जानकारी नहीं आई सामने

वर्षों से ऐंचोड़ा कंबोह में श्री कल्कि धाम का महोत्सव आयोजित होता है। कांग्रेस पार्टी के कई मुख्यमंत्री और अन्य बड़े नेताओं का सभी महोत्सव में आना-जाना रहा है। लेकिन शिलान्यास कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र इन नेताओं को दिया गया या नहीं इस पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने खुलकर बात नहीं की। ऐसी भी कोई जानकारी सामने नहीं आई जिससे यह जानकारी मिल पाती कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को निमंत्रण पत्र दिया गया है या नहीं।

 

 


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